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कबीरा गुनाह

بِسْمِ اللهِ الرَّحْمٰنِ الرَّ حِيْم
क़ुर’आन मजीद में अल्लाह ता’आला का इरशाद है:
إِن تَجۡتَنِبُواْ كَبَآئِرَ مَا تُنۡهَوۡنَ عَنۡهُ نُكَفِّرۡ عَنكُمۡ سَيِّ‍َٔاتِكُمۡ وَنُدۡخِلۡكُم مُّدۡخَلٗا كَرِيمٗا ِ " अगर तुम बड़े गुनाहों से बचते रहोगे जिन से तुम को मना किया जाता है तो हम तुम्हारे छोटे गुनाह दूर कर देंगे और इज्ज़त व बुजुर्गी की जगह दाखिल करेंगे "(सुरा निसा-31)

इस आयत में बड़े गुनाहों से बचने वाले से अल्लाह ता’ला का वादा है कि वह उनके छोटे गुनाहों को बख़्श देगा और जन्नत में दाखिल करेगा।

और रसूल सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने फरमाया:
‏ الصَّلاَةُ الْخَمْسُ وَالْجُمُعَةُ إِلَى الْجُمُعَةِ كَفَّارَةٌ لِمَا بَيْنَهُنَّ مَا لَمْ تُغْشَ الْكَبَائِرُ ‏‏

पाँचों नमाज़ें, जुमा दूसरे जुमा तक, और रमज़ान दूसरे रमज़ान तक अपने बीच के मुद्दत में होने वाले गुनाहों का कफ्फारा हैं, इस शर्त के साथ कि बड़े गुनाहों से बचा जाए (सही मुस्लिम 233)।
इस्लिए बड़े गुनाहों के बारे में हम सब को जानकारी होनी चाहिए ताकि हम उन गुनाहों से बच सकें । गुनाह कबीरा (बड़े गुनाह) उस गुनाह को कहते हैं जिसे अल्लाह और उसके रसूल सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने क़ुरआन और हदीस में मना किया है ।

निम्नलिखित सत्तर (70) बड़े गुनाहों को शैखुल इस्लाम इमाम ज़हबी रहिमहुल्लाह की किताब “अल-कबाइर” से ली गई है जिसको लोगों की जानकारी के लिए प्रकाशित किया जा रहा है ।

अल्लाह से दुआ है कि वह हम सबको बड़े और छोटे हर तरह की गुनाहों से बचने की तौफीक़ दे । आमीन

1. अल्लाह के साथ शिर्क करना
2. क़त्ल करना
3. जादू
4. नमाज़ अदा नही करना
5. ज़कात अदा नही करना
6. बग़ैर शरई उज़्र के रमज़ान का रोज़ा नही रखना
7. साहबे इस्तता'अत होने का बावजूद हज नही करना
8. वालदैन की नाफ़रमानी करना
9. रिशतेदारों से क़त'-ए-त'अल्लुक़ हो जाना
10. ज़ना करना
11. अग़लाम बाजी
12. सूद खाना
13. नाज़ायज तरीक़े से यतीम का माल खाना और उस पर ज़ल्म करना
14. अल्लाह और रसूल पर झुट बान्धना
15. मैदाने जिहाद से फरार
16. हाकिम का लोगों पर ज़ुल्म व ज़यादती करना
17. गरूर और तकब्बयुर करना
18. झुठी गवाही
19. शराब पीना
20. जुआ खेलना
21. पाकीज़ा औरतों पर ज़िना का इल्ज़ाम लगाना
22. माले ग़नीमत की चोरी
23. चोरी करना
24. राह-ज़नी (डाका डालना)
25. झुठी क़सम खाना
26. ज़ुल्म करना
27. टैक्स वसूल करना
28. हराम खाना और जिस तरह भी हो उसे हासिल करना
29. खुदकुशी करना
30. बात बात मे झुट बोलना
31. नाइन्साफी करना
32. रिशवत देना और क़बूल करना
33. औरत को मर्द की और मर्द को औरत की मुशाबिहत इख्तियार करना
34. दय्यूस और बेग़ैरत होना
35. हलाला करना और करवाना
36. पेशाब की छींटों से बचने की कोशिश नही करना
37. रियाकारी
38. दुनिया के फायदे के लिये दीन का इल्म हासिल करना और हक़ को छुपाना
39. खियानत करना
40. एहसान जतलाना
41 क़ज़ा व क़द्र का इन्कार करना
42. छुप छुप कर लोगों की बातें सुनना
43. ग़ीबत और चुग़लखोरी करना
44. गाली और बद दुआ देना
45. अहद तोड़ना
46. सितारों और हाथ की लकीरों से क़िस्मत का हाल बताने वालों पर यक़ीन रखना
47. शौहर की एतायत न करना
48. तस्वीर और मुजस्समा बनाना
49. नौहा करना (मुसीबत के समय अपने आप को तमाचा मारना, कपड़े फाड़ना, चीख़ना चिल्लाना, बालों को नोचना,ईत्यादि)
50. ज़ुल्म व ज़्यादती करना
51. बीवी, ग़ुलाम, कमज़ोर और जानवर पर ज़ुल्म करना
52. परोसी को तकलीफ देना
53. अपने मुसलमान भाई को तकलीफ पहुंचाना और गाली देना
54. अल्लाह के बन्दों को तकलीफ पहुंचाना
55. तकब्बुर और गुरूर से टखनों से निचे अज़ार लटकाना
56. मर्दों को रेशम के कपड़े और सोना पहनना
57. ग़ुलाम का अपने मालिक के पास से भाग जाना
58. ग़ैर अल्लाह के नाम पर जान्वर ज़बह करना
59. ले-पालक को उसके असल बाप की तरफ मनसूब न करना
60. नाहक झगरा करना
61. जरुरत से ज्यादह पानी रोकना
62. नाप तौल में कमी करना
63. अल्लाह की तदबीर से बेखौफ होजाना
64. बग़ैर किसी उज्र के जमा'अत से नमाज़ अदा नही करना
65. बग़ैर किसी उज्र के जुमा की नमाज़ छोड़ना
66. वसीयत में कष्ट देना
67. धोकेबाज़ी और मक्कारी करना
68. मुसलमानों की जासुसी करना
69. औलिया अल्लाह रहीमहुमुल्लाह अलैहीम में से किसी को गाली देना
70. सहाबा रिज़वानुल्लाह अलैहिम अजमईन में से किसी को गाली देना

Where is Allaah?

Allah is above the 'Arsh

"They fear their Lord above them, and they do what they are commanded." [al-Nahl 16:50]
"Do you feel secure that He, Who is over the heaven, will not cause the earth to sink with you?" [al-Mulk 67:16]

Sufyän ath-Thawri (رَحِمَهُ الله) said:

"The example of the scholar is like the example of the doctor,he does not administer the medicine except on the place of the illness.”

(Al-Hilyah 6/368)

Shaykh Sālih al-'Uthaymin said:

"Indeed knowledge is from the best acts of worship and is one of the greatest and most beneficial of it. Hence, you will find Shaytan keeping people away from (seeking) knowledge."
[فتاوى نور على الدرب ۱۲/۲]